साबरमती जेल में बंद अतीक अहमद ने जो पत्र लिखकर भेजे थे, उन्हें शाइस्ता परवीन ने किठौर और मेरठ में मंच से पढ़कर लोगों को सुनाया था। अतीक के लिखे पत्रों के जरिए सहानुभूति बटोरने की कोशिश की थी।
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